जब यह कहा जा रहा है की डूंगरी बाँध बीसलपुर बाँध से बड़ा बनेगा तो फिर इसमें 16 गाँव ही विस्थापित कैसे होंगे.?

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :-

जब बीसलपुर बांध का निर्माण हुआ था, तब कुल लगभग 63 गांव विस्थापित हुए थे। इस विस्थापन में करीब 5700 परिवार और लगभग 30,000 लोग प्रभावित हुए थे। डूब क्षेत्र की कुल भूमि लगभग 21,836 हेक्टेयर थी। बीसलपुर बांध की लंबाई लगभग 574 से 576 मीटर है और इसकी ऊंचाई लगभग 39.5 मीटर (130 फीट) है

डूंगरी बांध बीसलपुर बांध से बड़ा होगा। डूंगरी बांध की पानी संग्रहण क्षमता लगभग 1600 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रस्तावित है, जो बीसलपुर बांध की क्षमता से डेढ़ गुना अधिक है। डूंगरी बांध की लंबाई लगभग 1500 मीटर और ऊंचाई 24.50 मीटर होगी, जबकि बीसलपुर बांध की तुलना में यह बांध विशेष रूप से बड़ा और शक्तिशाली माना जा रहा है।

डूंगरी बांध का डूब क्षेत्र लगभग 22 से 37 वर्ग किलोमीटर के बीच होगा। इस क्षेत्र में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा भी आ सकता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव की चिंता है। डूब क्षेत्र में 76 गांवों के लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो सकते हैं, वहीं अन्य स्रोतों के अनुसार 16 गांव भी डूब क्षेत्र में आने वाला है। इस बांध के कारण उपजाऊ कृषि भूमि और प्राकृतिक जल स्रोतों को नुकसान होने का जोखिम है। कुल मिलाकर डूब क्षेत्र का सटीक आंकड़ा 22 से 37 वर्ग किलोमीटर माना जा रहा है।

मनीष कुमार मीना ✍🏻

👉🏻👉🏻👉🏻फोटो सांकेतिक है
जब यह कहा जा रहा है की डूंगरी बाँध बीसलपुर बाँध से बड़ा बनेगा तो फिर इसमें 16 गाँव ही विस्थापित कैसे होंगे.? कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :- जब बीसलपुर बांध का निर्माण हुआ था, तब कुल लगभग 63 गांव विस्थापित हुए थे। इस विस्थापन में करीब 5700 परिवार और लगभग 30,000 लोग प्रभावित हुए थे। डूब क्षेत्र की कुल भूमि लगभग 21,836 हेक्टेयर थी। बीसलपुर बांध की लंबाई लगभग 574 से 576 मीटर है और इसकी ऊंचाई लगभग 39.5 मीटर (130 फीट) है डूंगरी बांध बीसलपुर बांध से बड़ा होगा। डूंगरी बांध की पानी संग्रहण क्षमता लगभग 1600 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रस्तावित है, जो बीसलपुर बांध की क्षमता से डेढ़ गुना अधिक है। डूंगरी बांध की लंबाई लगभग 1500 मीटर और ऊंचाई 24.50 मीटर होगी, जबकि बीसलपुर बांध की तुलना में यह बांध विशेष रूप से बड़ा और शक्तिशाली माना जा रहा है। डूंगरी बांध का डूब क्षेत्र लगभग 22 से 37 वर्ग किलोमीटर के बीच होगा। इस क्षेत्र में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा भी आ सकता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव की चिंता है। डूब क्षेत्र में 76 गांवों के लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो सकते हैं, वहीं अन्य स्रोतों के अनुसार 16 गांव भी डूब क्षेत्र में आने वाला है। इस बांध के कारण उपजाऊ कृषि भूमि और प्राकृतिक जल स्रोतों को नुकसान होने का जोखिम है। कुल मिलाकर डूब क्षेत्र का सटीक आंकड़ा 22 से 37 वर्ग किलोमीटर माना जा रहा है। मनीष कुमार मीना ✍🏻 👉🏻👉🏻👉🏻फोटो सांकेतिक है
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